🔰 परिचय
मुलायम सिंह यादव एक ऐसा नाम है, Mulayam Singh Yadav जिसने उत्तर प्रदेश की राजनीति में आम किसान और मज़दूर की आवाज़ को सत्ता के केंद्र तक पहुँचाया। वह न सिर्फ एक राजनीतिक रणनीतिकार थे, बल्कि एक ऐसे जनप्रिय नेता भी जिन्होंने समाजवाद को ज़मीन पर उतारने का प्रयास किया।
“मुलायम सिंह यादव का जीवन भारतीय राजनीति का ग्रामीण संस्करण है – संघर्ष, सेवा और सत्ता।”
📜 मुलायम सिंह यादव का जीवन परिचय
| विवरण | जानकारी |
|---|---|
| पूरा नाम | मुलायम सिंह यादव |
| जन्म | 22 नवंबर 1939 |
| जन्म स्थान | सैफई, इटावा, उत्तर प्रदेश |
| माता | मूर्ति देवी |
| पिता | सुग्गर सिंह यादव |
| शिक्षा | एम.ए., बी.टी. |
| राजनीति की शुरुआत | 1960 के दशक में |
| राजनीतिक दल | समाजवादी पार्टी (संस्थापक) |
| प्रमुख पद | यूपी के मुख्यमंत्री (3 बार), रक्षा मंत्री |
| उपनाम | नेताजी |
👶 प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
मुलायम सिंह यादव का जन्म एक सामान्य किसान परिवार में हुआ।
उनका गाँव सैफई, आज उत्तर प्रदेश की राजनीतिक चेतना का केंद्र बन चुका है।
🎓 शिक्षा:
- इंटरमीडिएट – करहल से
- बी.ए. – के.के. कॉलेज, इटावा
- एम.ए. – राजनीति शास्त्र, आगरा विश्वविद्यालय
- बी.टी. (शिक्षक प्रशिक्षण) – ए.के. कॉलेज, शिकोहाबाद
🏫 राजनीति में प्रवेश और शुरुआती संघर्ष
मुलायम सिंह का राजनीतिक जीवन एक शिक्षक के रूप में शुरू हुआ। वे एक कुशल वक्ता और बहसकर्ता रहे।
उन पर डॉ. राम मनोहर लोहिया और राज नारायण की विचारधारा का गहरा प्रभाव पड़ा।
🔹 पहली बार विधायक:
- 1967 में पहली बार जसवंतनगर से विधायक चुने गए
- कुल 9 बार विधायक और 7 बार सांसद रहे
🏛️ उत्तर प्रदेश की राजनीति में उदय
🔥 आपातकाल का विरोध:
1975 में जब देश में आपातकाल लगा, मुलायम सिंह यादव को भी जेल में डाल दिया गया।
यह उनके राजनीतिक जीवन का निर्णायक मोड़ था।
🧱 मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल:
| वर्ष | कार्यकाल | सहयोगी दल |
|---|---|---|
| 1989–1991 | पहली बार | जनता दल |
| 1993–1995 | दूसरी बार | BSP के साथ |
| 2003–2007 | तीसरी बार | निर्दलीयों और कांग्रेस के समर्थन से |
🔧 रक्षा मंत्री के रूप में भूमिका
1996 से 1998 तक मुलायम सिंह भारत के रक्षा मंत्री रहे।
इस दौरान उन्होंने सेना की स्थिति को सुदृढ़ करने और भारतीय रक्षा नीति को व्यावहारिक दृष्टिकोण देने का प्रयास किया।
🏗️ समाजवादी पार्टी की स्थापना
1992 में उन्होंने समाजवादी पार्टी (SP) की स्थापना की, जिसका मूल मंत्र था –
“सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता और गरीबों की सत्ता में भागीदारी।”

🟥 SP की विचारधारा:
- सामाजिक न्याय
- आरक्षण का समर्थन
- अल्पसंख्यकों की भागीदारी
- किसान केंद्रित नीतियाँ
📊 चुनाव और SP की मजबूती
🔹 2003 का चुनाव:
मुलायम सिंह ने SP को सत्ता में वापस लाकर दिखाया।
🔹 2012:
उनके बेटे अखिलेश यादव ने CM की कुर्सी संभाली और मुलायम सिंह पीछे से मार्गदर्शन करते रहे।
🧠 राजनीतिक सूझबूझ और गठबंधन नीति
Mulayam Singh Yadav ने समय-समय पर कांग्रेस, BSP और अन्य दलों से गठबंधन किए।
उनकी रणनीति ने SP को राष्ट्रीय दल के रूप में स्थापित किया।
वे ऐसे नेता थे जो “कभी विरोधी को भी दोस्त बना लेते थे।”
📚 राजनीतिक दर्शन और समाजवाद
Mulayam Singh Yadav लोहिया के ‘सच्चे समाजवाद’ में विश्वास करते थे।
उन्होंने अपनी राजनीति में जातीय संतुलन, आर्थिक समानता और ग्रामीण विकास को प्राथमिकता दी।
🏆 प्रमुख उपलब्धियां और योगदान
| क्षेत्र | उपलब्धि |
|---|---|
| शिक्षा | सैफई में मेडिकल और स्पोर्ट्स संस्थानों की स्थापना |
| रोजगार | सरकारी नौकरियों में आरक्षण, युवा योजनाएं |
| किसान | बिजली, पानी, फसल बीमा और कर्ज़ माफी की योजनाएं |
| रक्षा | रक्षा मंत्री रहते सेना की सशक्तिकरण नीति |
| सामाजिक न्याय | OBC, SC, ST और मुस्लिम समाज के लिए योजनाएं |
🗣️ लोकप्रिय उपनाम – ‘नेताजी’
उत्तर प्रदेश में ‘नेताजी’ Mulayam Singh Yadav एक श्रद्धा सूचक शब्द है।
गरीब, किसान, पिछड़े वर्ग और युवाओं के लिए वे नेताजी थे – एक अपने जैसे नेता।
🧬 पारिवारिक जीवन
- पत्नी: मालती देवी
- पुत्र: अखिलेश यादव (वर्तमान SP अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री)
- परिवार में राजनीतिक सक्रियता हमेशा रही
😔 मृत्यु और श्रद्धांजलि
| तिथि | विवरण |
|---|---|
| 10 अक्टूबर 2022 | मेदांता अस्पताल, गुरुग्राम में निधन |
| अंतिम संस्कार | सैफई गांव में राजकीय सम्मान के साथ |
देश के हर कोने से श्रद्धांजलि दी गई – प्रधानमंत्री, विपक्ष, युवा और आम जनता सभी ने ‘नेताजी’ को नमन किया।
🏁 निष्कर्ष
Mulayam Singh Yadav ने सिद्ध किया कि राजनीति धैर्य, विचारधारा और ज़मीनी जुड़ाव से की जाती है। उनकी राजनीति सत्ता की नहीं, सेवा की राजनीति थी। समाजवाद, जातीय संतुलन और जन-सरोकारों की जो राजनीति वे कर गए, वह आज भी प्रासंगिक है।
“मुलायम सिंह यादव अब केवल व्यक्ति नहीं, एक राजनीतिक धरोहर हैं।”





Leave a Reply