Babulal Marandi झारखंड के पहले मुख्यमंत्री और राज्य की राजनीति में एक महत्वपूर्ण हस्ती हैं। वे अपनी ईमानदारी, साफ-सुथरी छवि और विकास के प्रति प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने झारखंड राज्य के गठन के बाद नई प्रशासनिक व्यवस्था स्थापित करने और विकास की दिशा तय करने में निर्णायक भूमिका निभाई। बाबूलाल मरांडी आदिवासी समाज की राजनीति में एक सशक्त आवाज हैं।
प्रारंभिक जीवन
Babulal Marandi का जन्म 11 जनवरी 1958 को गिरिडीह जिले के कोडरमा क्षेत्र के एक साधारण आदिवासी परिवार में हुआ। उनका बचपन आर्थिक कठिनाइयों में बीता, लेकिन उन्होंने शिक्षा के महत्व को समझा और कड़ी मेहनत करके अपनी पढ़ाई पूरी की।
उन्होंने रांची विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई पूरी की और उसके बाद सामाजिक कार्यों में सक्रिय हो गए। बचपन से ही वे अपने क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को समझते थे और उनके समाधान के लिए प्रयास करते थे।
राजनीति में प्रवेश
मरांडी का राजनीतिक सफर भारतीय जनता पार्टी (BJP) से जुड़कर शुरू हुआ। वे एक कुशल संगठनकर्ता थे और धीरे-धीरे पार्टी में अपनी जगह बनाई। 1998 में वे पहली बार लोकसभा सदस्य बने। उनकी साफ-सुथरी छवि और जनता के बीच लोकप्रियता के कारण वे भाजपा के एक प्रमुख आदिवासी चेहरे के रूप में उभरे।
झारखंड राज्य का गठन
15 नवंबर 2000 को बिहार से अलग होकर झारखंड राज्य का गठन हुआ। बाबूलाल मरांडी को राज्य का पहला मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया।

मुख्यमंत्री के रूप में उपलब्धियां
बाबूलाल मरांडी ने झारखंड के पहले मुख्यमंत्री के रूप में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए:
प्रशासनिक ढांचे की स्थापना
उन्होंने राज्य के नए प्रशासनिक ढांचे की नींव रखी, जिसमें जिलों का पुनर्गठन, नई नीतियों और विभागों की स्थापना शामिल थी।
शिक्षा और स्वास्थ्य सुधार
उन्होंने ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए कई योजनाएं शुरू कीं।
बुनियादी ढांचे का विकास
सड़क, बिजली, पेयजल और संचार सुविधाओं के विस्तार पर विशेष ध्यान दिया गया।
औद्योगिक विकास
उन्होंने झारखंड में औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने के लिए नई औद्योगिक नीतियां लागू कीं।
केंद्र सरकार में भूमिका
मुख्यमंत्री बनने से पहले वे केंद्र सरकार में राज्य मंत्री के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने कोयला मंत्रालय और पर्यावरण मंत्रालय से जुड़े कार्यों में योगदान दिया।
राजनीतिक सफर में बदलाव
मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद 2006 में बाबूलाल मरांडी ने झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) पार्टी की स्थापना की। यह पार्टी झारखंड के विकास और सुशासन के मुद्दों को लेकर बनाई गई थी। 2021 में उन्होंने पुनः भारतीय जनता पार्टी में वापसी की।
व्यक्तिगत जीवन
बाबूलाल मरांडी का जीवन बेहद सरल है। वे जनता से सीधे संवाद में विश्वास करते हैं। उनका व्यक्तित्व ईमानदारी और पारदर्शिता का प्रतीक माना जाता है।
विरासत और योगदान
Babulal Marandi को एक ऐसे नेता के रूप में याद किया जाता है जिन्होंने झारखंड राज्य के गठन के बाद राज्य को स्थिर दिशा दी।
- उन्होंने मजबूत प्रशासनिक नींव रखी।
- शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए योजनाएं चलाईं।
- आदिवासी समाज की आवाज को मजबूत किया।
प्रमुख उपलब्धियां
- झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बने।
- राज्य के लिए नई नीतियां और योजनाएं लागू कीं।
- ईमानदार और पारदर्शी शासन दिया।
- विकास और औद्योगिक निवेश को बढ़ावा दिया।
FAQ
1. बाबूलाल मरांडी कौन हैं?
वे झारखंड के पहले मुख्यमंत्री और आदिवासी समाज के प्रमुख नेता हैं।
2. उनका जन्म कब और कहां हुआ?
11 जनवरी 1958 को गिरिडीह जिले में।
3. वे कब झारखंड के मुख्यमंत्री बने?
15 नवंबर 2000 को।
4. उन्होंने कौन सी पार्टी बनाई थी?
2006 में झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक)।
5. उनकी प्रमुख उपलब्धियां क्या हैं?
राज्य की नई प्रशासनिक संरचना, शिक्षा और स्वास्थ्य सुधार, औद्योगिक निवेश और पारदर्शी शासन।





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