Dussehra (विजयादशमी) 2025: पूरा इतिहास, महत्व और उत्सव का संबंध रामायण से है, जब भगवान श्रीराम ने रावण का वध कर धर्म की विजय और अधर्म के अंत का प्रतीक प्रस्तुत किया। यह दिन अश्विन मास की शुक्ल दशमी को मनाया जाता है, जो नवरात्रि के नौ दिनों के उपरांत आता है। कुछ परंपराओं में यह माँ दुर्गा की महिषासुर पर विजय के रूप में भी मनाया जाता है।
2. धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व:
- यह दिन सत्य की असत्य पर विजय का प्रतीक है।
- यह अच्छाई की बुराई पर जीत, धर्म की स्थापना, और नैतिक मूल्यों की रक्षा का संदेश देता है।
- विजयादशमी का नाम ही “विजय” (जीत) और “दशमी” (दसवाँ दिन) से मिलकर बना है।
3. उत्सव की परंपरा:
- पूरे भारत में रावण, मेघनाद और कुम्भकर्ण के पुतलों का दहन किया जाता है।
- रामलीला का मंचन कई स्थानों पर कई दिनों तक चलता है।
- दुर्गा पूजा के बाद बंगाल, असम और पूर्वोत्तर राज्यों में मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है।
- लोग इस दिन शस्त्र पूजन और वाहन पूजन भी करते हैं।
- यह दिन नए कार्य, पढ़ाई या व्यापार प्रारंभ करने के लिए शुभ माना जाता है।

4. क्षेत्रीय रूप:
कर्नाटक में मैसूर दशहरा विशेष रूप से प्रसिद्ध है
उत्तर भारत: रावण दहन और रामलीला
पश्चिम बंगाल: दुर्गा पूजा का समापन
महाराष्ट्र: ‘आप्टे के पत्तों’ को सोना मानकर बाँटते हैं
दक्षिण भारत: देवी सरस्वती और दुर्गा की पूजा
मुख्य बिंदु:
- अर्थ: “दश” (दस) + “हरा” (हार) = दस सिर वाले रावण की हार
- तिथि: आश्विन माह की शुक्ल पक्ष दशमी
- धार्मिक महत्व: राम द्वारा रावण वध और दुर्गा द्वारा महिषासुर वध
2. Dussehra क्यों मनाया जाता है?
पौराणिक कथाएं
- रामायण से संबंध:
- भगवान राम ने 10 दिनों तक चले युद्ध के बाद लंका के राजा रावण का वध किया
- इसी दिन सीता माता की रावण से मुक्ति हुई
- महिषासुर वध:
- मां दुर्गा ने 9 दिनों तक चले युद्ध के बाद दसवें दिन महिषासुर का वध किया
ऐतिहासिक महत्व
- महाभारत काल: पांडवों ने इसी दिन अपने अस्त्र-शस्त्र शमी वृक्ष के नीचे छुपाए थे
- राजपूत योद्धा: शस्त्र पूजन की परंपरा
3. Dussehra कैसे मनाया जाता है?
उत्तर भारत में
- रामलीला का आयोजन (10 दिन तक)
- रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले दहन
- शमी वृक्ष की पूजा
दक्षिण भारत में
- मैसूर दशहरा: हाथी की शोभायात्रा
- आयुध पूजा: तलवार, वाहनों की पूजा
पूर्वी भारत में
- दुर्गा विसर्जन (बंगाल, ओडिशा)
- सिंदूर खेला (विवाहित महिलाओं द्वारा)
पश्चिम भारत में
- गुजरात: गरबा और डांडिया नृत्य
- महाराष्ट्र: सीमोल्लंघन (विजय की रस्म)
4. Dussehra का सामाजिक और आधुनिक महत्व
- अच्छाई की बुराई पर जीत का संदेश
- परिवार और समाज में एकता को बढ़ावा
- पर्यावरण अनुकूल पुतलों का प्रयोग (इको-फ्रेंडली रावण)
5. दशहरा से जुड़ी रोचक तथ्य
- नेपाल में “दशैं” के नाम से मनाया जाता है
- कुल्लू दशहरा (हिमाचल) 7 दिनों तक चलता है
- इंडोनेशिया में भी रामायण पर आधारित उत्सव
6. Dussehra 2025 की शुभकामनाएं
“सत्य की हमेशा जीत होती है, यही दशहरा हमें सिखाता है।
अहंकार को रावण समझकर उसे जलाएं, और जीवन में विजय पाएं।”
#HappyDussehra #Vijayadashami2025 #RavanaDahan
निष्कर्ष
दशहरा न सिर्फ एक धार्मिक त्योहार है, बल्कि यह हमें अंहकार त्यागने और धर्म की राह पर चलने की प्रेरणा देता है। इस बार पूरे देश में यह पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा।
क्या आप जानते हैं?
- रावण के 10 सिर किन 10 बुराइयों का प्रतीक हैं?
- दशहरा पर क्यों की जाती है शमी वृक्ष की पूजा?
अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो शेयर जरूर करें! 🙏
Leave a Reply