lord shiva — ब्रह्मांड के संहारक और पुनः सृजनकर्ता।
उनका व्यक्तित्व इतना व्यापक, गूढ़ और बहुआयामी है कि एक नाम में उनकी महिमा को बांधना संभव नहीं।
इसलिए प्राचीन ऋषियों ने उन्हें 108 दिव्य नामों से पुकारा। ये नाम शिव के विभिन्न रूपों, गुणों, शक्तियों, भावों और कार्यों के प्रतीक हैं।
“ॐ नमः शिवाय” केवल मंत्र नहीं, ब्रह्मांडीय ऊर्जा का केंद्र है।
🔢 108 नाम क्यों?
संख्या 108 का आध्यात्मिक और वैज्ञानिक रहस्य:
क्षेत्र | अर्थ |
---|---|
वैदिक ज्योतिष | 12 राशियाँ × 9 ग्रह = 108 |
योग | शरीर के 108 प्राणिक नाड़ी केंद्र |
वेद | 108 उपनिषद |
खगोलशास्त्र | सूर्य और चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी ≈ 108 गुना |
जप माला | 108 मनकों की होती है |

👉 इसलिए शिव के 108 नामों का जप शरीर, मन और आत्मा को ऊर्जा देता है।
🧘♂️ 108 नामों की सूची, अर्थ और भावार्थ
प्रत्येक नाम के साथ उसका:
- संस्कृत उच्चारण
- हिंदी अर्थ
- भावार्थ
- ध्यान का भाव
🔹 1-10
- ॐ शिवाय नमः – कल्याण स्वरूप शिव
सभी कल्याण के मूल
- ॐ महेश्वराय नमः – महान ईश्वर
सृष्टि के सर्वाधिक शक्तिशाली
- ॐ शंकराय नमः – शांति देने वाले
दुःख को हरने वाले
- ॐ शूलपाणये नमः – त्रिशूल धारण करने वाले
धर्म, अर्थ, काम के नियंत्रणकर्ता
- ॐ महादेवाय नमः – देवों के देव
शक्ति, सृजन और विनाश के केंद्र
- ॐ रुद्राय नमः – रुदन कराने वाले/विनाशक
अहंकार का नाश करने वाले
- ॐ नीलकण्ठाय नमः – विष पीकर नीला गला धारण करने वाले
संसार के विष को अपने भीतर समाहित करने वाले
- ॐ ईशनाय नमः – ईशान कोण के अधिपति
ज्ञान और मोक्ष के प्रदाता
- ॐ त्रिलोकेश्वराय नमः – तीनों लोकों के स्वामी
भूत, भविष्य, वर्तमान पर नियंत्रण
- ॐ गंगाधराय नमः – जटाओं में गंगा धारण करने वाले
जीवन को बहने और पवित्र करने वाले

🔹 11-50 (उदाहरण)
- ॐ सोमसूर्याग्निलोचनाय नमः – जिनकी आँखों में चंद्र, सूर्य और अग्नि का तेज है
- ॐ बपुषे नमः – दिव्य शरीर वाले
- ॐ विकृताय नमः – सभी रूपों में विराजमान
- ॐ कपर्दिने नमः – मटमैले जटाजूट धारण करने वाले
- ॐ नीललोहिताय नमः – नीला व लाल वर्ण के
- ॐ शर्वाय नमः – संहारक
- ॐ हंसाय नमः – आत्मा के प्रतीक
- ॐ परमात्मने नमः – परम आत्मा
- ॐ व्योमकेशाय नमः – आकाश में जटाएँ
- ॐ उमा पतिरे नमः – पार्वतीपति
(… आगे 108 तक क्रमशः सभी नाम दिए जाएँगे)
🧘♀️ ध्यान कैसे करें?
- सुबह या शाम शांत स्थान में बैठें
- दीपक और धूप जलाएँ
- 108 बार जप करें — किसी एक या सभी नामों का
- मन में शिव का स्मरण करते हुए प्रत्येक नाम का भाव समझें
🔯 Shiv के 108 नामों के लाभ
लाभ | विवरण |
---|---|
मानसिक शांति | तनाव, भय और भ्रम से मुक्ति |
आध्यात्मिक शक्ति | चित्त की एकाग्रता और आत्मज्ञान |
रोग निवारण | प्राचीन मंत्र चिकित्सा का आधार |
जीवन की दिशा | हर नाम हमें धर्म, विवेक, और संयम की ओर ले जाता है |
📜 शास्त्रों में 108 नामों का उल्लेख
- शिव महापुराण
- वायुपुराण
- लिंगपुराण
- महाभारत – शांति पर्व
- शिवाष्टोत्तर शतनामावलि स्तोत्र (ध्यान के लिए उपयोगी)
🏁 निष्कर्ष
भगवान शिव के 108 नाम केवल नाम नहीं, जीवन के 108 आयाम हैं।
हर नाम हमें एक नई दिशा, lord shiva एक नई ऊर्जा और आत्मा से जुड़ने का अवसर देता है।
🌼 “ॐ नमः शिवाय” कहकर हम केवल नाम नहीं, परम सत्य को पुकारते हैं।
🙏 108 नामों का स्मरण = 108 चरणों में शिव तक पहुँचने की साधना।
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