Mohiniyattam | केरल की मोहक शास्त्रीय नृत्य परंपरा

भारत की शास्त्रीय नृत्य शैलियाँ संस्कृति, भक्ति और सौंदर्य का जीवंत रूप होती हैं। इन आठ प्रमुख शास्त्रीय नृत्य रूपों में से एक है मोहिनीयाट्टम, जो केरल की पावन भूमि पर जन्मी एक बेहद नारीसुलभ, कोमल और भावप्रधान नृत्य शैली है। Mohiniyattam इसका नाम ही बताता है – “मोहिनी” यानी मोह लेने वाली स्त्री, और “आट्टम” यानी नृत्य


🕰️ अध्याय 1: इतिहास और उत्पत्ति

कालखंडविवरण
प्राचीन युगविष्णु के “मोहिनी” अवतार से प्रेरणा
संगम युगमंदिरों में देवदासी परंपरा में नृत्य
16वीं सदीकोचीन और त्रावणकोर रियासत में विस्तार
19वीं सदीपुनर्जागरण और महाराजा स्वाति तिरुनाल का योगदान
स्वतंत्रता के बादनृत्यांगना कलामंडलम कल्याणी कुट्टी अम्मा द्वारा पुनर्जीवन

👗 अध्याय 2: Mohiniyattam की विशेषताएँ

  • केवल महिलाओं द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली नृत्यशैली
  • नृत्य की गति: धीमी, कोमल, लहराती हुई
  • पहनावा: सफेद या हल्के रंग की साड़ी पर सुनहरा किनारा
  • संगीत: सोपान शैली, मलयालम और संस्कृत में पद
  • भंगिमा: लास्य प्रधान (नारी सौंदर्य की कोमलता दर्शाती)

Mohiniyattam dance image
Mohiniyattam dance image

💃 अध्याय 3: भाव, मुद्राएं और तकनीक

1. अंगिकाभिनय

  • हाथ, नेत्र और शरीर की गति

2. वाचिकाभिनय

  • संगीत और बोलों के माध्यम से भाव

3. सात्त्विकाभिनय

  • अंतर्मन से उत्पन्न होने वाले भाव

4. नृत्य की गति

  • चोलकट्टु, वल्सलु, जातिस्वरम, वरनम आदि चरण

🎼 अध्याय 4: संगीत और ताल

तत्वविशेषता
संगीत शैलीSopana संगीत
भाषासंस्कृत, मलयालम
वाद्य यंत्रमृदंगम, एडक्का, वीणा, इडक्का
तालचेम्पा, अड़ी, रुग्मिणी ताल

🧵 अध्याय 5: वेशभूषा और शृंगार

  • सफेद या हल्के क्रीम रंग की साड़ी (कासवु बॉर्डर)
  • सुनहरे गहने: झुमके, कड़ियाँ, हार
  • हेयरस्टाइल: सिर के एक तरफ जुड़ा, फूलों से सजाया जाता है
  • चेहरे पर हल्का श्रृंगार, लाल बिंदी, काजल

👑 अध्याय 6: प्रमुख कथानक और प्रस्तुति

  • विष्णु के मोहिनी अवतार की कहानियाँ
  • राधा-कृष्ण की लीला
  • नायिका-भाव: वियोग, मिलन, प्रतीक्षा
  • भक्ति पर आधारित पदों का अभिनयात्मक प्रदर्शन

👩‍🎨 अध्याय 7: प्रमुख कलाकार

कलाकारयोगदान
कलामंडलम कल्याणी कुट्टी अम्माआधुनिक मोहिनीयाट्टम की जननी
भारती शिवाजीराष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुति
गीता वल्लभननृत्य शिक्षण में योगदान
नृत्यग्राम की नृत्यांगनाएँयुवा कलाकारों को प्रशिक्षित करने में अग्रणी

🏛️ अध्याय 8: Mohiniyattam और मंदिर परंपरा

  • केरल के मंदिरों में पारंपरिक नृत्य के रूप में प्रस्तुति
  • “कोठंबलम” नामक मंचों पर पूजा के रूप में प्रदर्शन
  • त्रिवेंद्रम और त्रिचूर मंदिरों में विशेष आयोजनों पर

🧭 अध्याय 9: प्रशिक्षण और संस्थान

संस्थानस्थान
केरल कलामंडलमचेरुथुरुथी
श्रीशंकराचार्य संस्कृत विश्वविद्यालयकालड़ी
नृत्यग्रामबेंगलुरु
कलाकेतरमचेन्नई

🌍 अध्याय 10: अंतरराष्ट्रीय पहचान

  • भारतीय सांस्कृतिक केंद्रों में प्रदर्शन
  • UNESCO द्वारा विश्व धरोहर कला के रूप में मान्यता
  • यूरोप, अमेरिका, जापान में मोहिनीयाट्टम कार्यशालाएँ

🔍 अध्याय 11: अन्य नृत्य शैलियों से अंतर

शैलीतुलना
भरतनाट्यमतेज और ऊर्जावान, तमिलनाडु केंद्रित
ओडिसीभव्य और मुद्राभरित, ओडिशा से
कथकघुंघरुओं और घूम की प्रधानता
मोहिनीयाट्टमलयबद्ध, कोमल और लास्यप्रधान

💼 अध्याय 12: आजीविका और रोजगार

  • पेशेवर कलाकारों को मंचीय अवसर
  • नृत्य शिक्षण संस्थानों में शिक्षक के रूप में करियर
  • वीडियो चैनल, ऑनलाइन वर्कशॉप, डिजिटल कोर्स

🏁 निष्कर्ष

मोहिनीयाट्टम केवल नृत्य नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना, नारी सौंदर्य और संस्कृतिक बोध का जीवंत रूप है। इसकी प्रत्येक मुद्रा, हर भाव, और हर स्वर नृत्य को एक आध्यात्मिक ऊँचाई तक पहुँचाता है। यह ज़रूरी है कि हम इस प्राचीन कला को समझें, सराहें और अगली पीढ़ियों तक पहुँचाएँ।

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