जब भी भारत के स्वतंत्रता संग्राम की बात होती है, तो कुछ नाम हमारे हृदय में गर्व के साथ गूंजते हैं Chandrashekhar Azad – और उन नामों में एक है चंद्रशेखर आज़ाद। वह युवा क्रांतिकारी जिसने ब्रिटिश साम्राज्य को चुनौती दी, अत्याचारों के विरुद्ध बंदूक उठाई और अंत तक अपने वचन पर डटा रहा – “मैं आज़ाद था, आज़ाद हूँ और आज़ाद ही रहूँगा।”
इस लेख में हम जानेंगे चंद्रशेखर आज़ाद का जीवन परिचय, उनके संघर्ष, प्रमुख घटनाएँ, क्रांतिकारी कार्य, विचारधारा, और उनका राष्ट्र के लिए अमर बलिदान।
📌 चंद्रशेखर आज़ाद का जीवन परिचय
| जानकारी | विवरण |
|---|---|
| पूरा नाम | चंद्रशेखर तिवारी |
| प्रसिद्ध नाम | चंद्रशेखर ‘आज़ाद’ |
| जन्म | 23 जुलाई 1906, भाबरा गाँव, अलीराजपुर जिला (अब मध्यप्रदेश) |
| माता-पिता | पिता: सीताराम तिवारी, माता: जगरानी देवी |
| शिक्षा | संस्कृत पाठशाला, बनारस |
| संगठन | हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) |
| मृत्यु | 27 फरवरी 1931, अल्फ्रेड पार्क, प्रयागराज (अब आज़ाद पार्क) |
👶 प्रारंभिक जीवन और बचपन
चंद्रशेखर का जन्म भले ही मध्यप्रदेश में हुआ, लेकिन उनका पारिवारिक मूल बिहार के उन्नाव जिले से जुड़ा था। उनका बचपन अत्यंत साधारण और संघर्षशील था। प्रारंभ से ही उनमें स्वतंत्रता के लिए आत्मबल और स्वाभिमान की भावना थी।
काशी की संस्कृत पाठशाला में पढ़ाई के दौरान उन्होंने देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत विचारकों की संगति प्राप्त की। यहीं से उनका झुकाव राष्ट्र की सेवा की ओर हुआ।
🚩 असहयोग आंदोलन और पहली गिरफ्तारी (1921)
सन् 1921 में जब महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन शुरू किया, तब मात्र 15 वर्ष की आयु में चंद्रशेखर इसमें शामिल हो गए। उन्हें ब्रिटिश सरकार ने गिरफ्तार कर लिया और अदालत में पेश किया।
जब मजिस्ट्रेट ने उनका नाम पूछा, उन्होंने जवाब दिया:
“नाम: आज़ाद, पिता का नाम: स्वतंत्रता, पता: जेलखाना”
इस उत्तर से ब्रिटिश अधिकारी चौंक गए, लेकिन यह घोषणा उन्हें ‘आज़ाद’ बना गई – नाम भी, सोच भी और जीवन भी।
🔥 क्रांतिकारी संगठन से जुड़ाव – HSRA की स्थापना
चंद्रशेखर आज़ाद ने 1924 में राम प्रसाद बिस्मिल और सच्चिदानंद सिन्हा जैसे नेताओं के साथ मिलकर हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (HRA) को आगे बढ़ाया। बाद में इसका नाम हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) रखा गया।
इस संगठन का उद्देश्य था –
“ब्रिटिश साम्राज्य का अंत कर समाजवादी भारत की स्थापना करना।”
⚔️ क्रांतिकारी गतिविधियाँ और प्रमुख घटनाएँ
1. काकोरी कांड (1925)
9 अगस्त 1925 को ब्रिटिश सरकार के खजाने को लखनऊ के पास काकोरी स्टेशन पर लूटा गया।
इस क्रांतिकारी योजना में चंद्रशेखर आज़ाद का संचालन कौशल और साहस निर्णायक रहा।
इस घटना ने अंग्रेजी सत्ता को हिला कर रख दिया।
2. सांडर्स हत्याकांड (1928)
लाला लाजपत राय की मृत्यु का बदला लेने के लिए भगत सिंह, राजगुरु और चंद्रशेखर आज़ाद ने मिलकर लाहौर में जॉन सांडर्स की हत्या की।
3. दिल्ली असेम्बली बम कांड (1929)
चंद्रशेखर आज़ाद ने इस योजना में अप्रत्यक्ष सहयोग किया। उन्होंने भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त को सुरक्षा दी और भागने की योजना बनाई।
🧠 चंद्रशेखर आज़ाद की विचारधारा
- स्वराज का अर्थ केवल राजनीतिक आज़ादी नहीं, सामाजिक समानता और आर्थिक न्याय भी है।
- वे मार्क्सवाद और समाजवाद से प्रभावित थे।
- उनका मानना था कि “तलवार और बंदूक से भी अन्याय के विरुद्ध लड़ाई लड़ी जा सकती है, जब बात देश की हो।”
🤝 भगत सिंह के साथ संबंध
चंद्रशेखर आज़ाद, भगत सिंह के गुरु, मार्गदर्शक और संरक्षक थे।
उन्होंने भगत सिंह को संगठनात्मक कार्यों में अग्रसर किया और उन्हें क्रांतिकारी राजनीति का सार सिखाया।
भगत सिंह ने आज़ाद को “भारत माता का सच्चा सपूत” कहा था।
🏞️ शहीदी स्थल – अल्फ्रेड पार्क (प्रयागराज)
27 फरवरी 1931 को ब्रिटिश पुलिस ने अल्फ्रेड पार्क (अब आज़ाद पार्क) में उन्हें चारों ओर से घेर लिया। उन्होंने वीरता से मुकाबला किया और अंत में खुद को गोली मार ली, पर गिरफ्तार नहीं हुए।
उनकी अंतिम शपथ यही थी:
“मैं कभी अंग्रेजों के हाथ नहीं आऊँगा।”
📚 चंद्रशेखर आज़ाद पर आधारित साहित्य और फिल्में

- फिल्म: Shaheed Chandrashekhar Azad (1963)
- कविताएँ: “चंद्रशेखर आज़ाद” – रामधारी सिंह ‘दिनकर’, हरिवंश राय बच्चन आदि द्वारा
- किताबें:
- “चंद्रशेखर आज़ाद – क्रांति की ज्वाला”
- “The Legend of Azad”
🏛️ उनकी स्मृति में बनाए गए स्थल
- आज़ाद पार्क, प्रयागराज
- चंद्रशेखर आज़ाद यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर, कानपुर
- चंद्रशेखर आज़ाद जयंती (23 जुलाई) – भारत में हर वर्ष मनाई जाती है
💬 प्रेरणादायक कथन
🗨️ “दुश्मनों की गोलियों का हम सामना करेंगे, आज़ाद ही रहे हैं, आज़ाद ही रहेंगे!”
🗨️ “मेरा नाम आज़ाद है, मैं अंग्रेजों की कैद में नहीं आ सकता।”
📈 FAQs
❓ चंद्रशेखर आज़ाद का असली नाम क्या था?
उत्तर: चंद्रशेखर तिवारी
❓ चंद्रशेखर आज़ाद ने अंग्रेजों के खिलाफ कौन-कौन से आंदोलन किए?
उत्तर: काकोरी कांड, सांडर्स हत्याकांड, HRA और HSRA का नेतृत्व
❓ चंद्रशेखर आज़ाद ने आत्महत्या क्यों की?
उत्तर: उन्होंने अंग्रेजों के हाथों गिरफ्तारी न होने की प्रतिज्ञा ली थी; इसलिए अंत में उन्होंने स्वयं को गोली मार ली।
❓ चंद्रशेखर आज़ाद की प्रेरणा कौन थे?
उत्तर: राम प्रसाद बिस्मिल, लाला लाजपत राय, भगत सिंह
🧡 निष्कर्ष:
चंद्रशेखर आज़ाद एक विचार थे, एक आंदोलन थे, एक आग थे – जो आज भी युवाओं के दिलों में देशभक्ति की चिंगारी जलाते हैं। उन्होंने न केवल अंग्रेजी शासन को चुनौती दी, बल्कि युवाओं को दिखाया कि साहस और संकल्प से कैसे परिवर्तन लाया जा सकता है।
उनकी शहादत हमें यह सिखाती है कि देश के लिए जिया और मरा जाता है – सम्मान से, गर्व से, और आज़ादी के नाम पर।





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