Padmashree Sumitra Mahato भारत की एक प्रसिद्ध कवयित्री और मुंडारी भाषा की अग्रणी साहित्यकार हैं। उन्होंने अपनी कविताओं और रचनाओं के माध्यम से आदिवासी संस्कृति, परंपरा और समाज की भावनाओं को अभिव्यक्ति दी। उनकी लेखनी में जनजातीय जीवन की सादगी, संघर्ष और प्रकृति के प्रति गहरा लगाव झलकता है। उन्हें मुंडारी भाषा के साहित्य को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पहचान दिलाने का श्रेय जाता है।
प्रारंभिक जीवन
Padmashree Sumitra Mahato का जन्म झारखंड के एक छोटे से गांव में हुआ। बचपन से ही उनमें साहित्य और कविता के प्रति गहरी रुचि थी।
शिक्षा
- प्रारंभिक शिक्षा गांव के स्कूल में।
- स्नातक – साहित्य में।
- स्नातकोत्तर – भाषाविज्ञान और लोक साहित्य में।
साहित्यिक करियर की शुरुआत
Padmashree Sumitra Mahato ने अपनी लेखनी की शुरुआत गांव की कहानियों, लोककथाओं और लोकगीतों को कविता के रूप में प्रस्तुत करके की। उनकी कविताएं मुंडारी संस्कृति की जड़ों और आदिवासी समाज के संघर्ष को उजागर करती हैं।

प्रमुख रचनाएं
- जंगल की पुकार – प्रकृति और आदिवासी जीवन पर आधारित कविता संग्रह।
- धरती की आवाज़ – जनजातीय महिलाओं की पीड़ा और संघर्ष पर केंद्रित।
- मिट्टी की खुशबू – लोकगीतों और परंपराओं पर आधारित कविताएं।
योगदान
- मुंडारी भाषा के साहित्य को राष्ट्रीय पहचान दिलाई।
- आदिवासी संस्कृति के संरक्षण और प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- युवा पीढ़ी को मातृभाषा और संस्कृति से जोड़ने के लिए प्रेरित किया।
पुरस्कार और सम्मान
- पद्मश्री पुरस्कार – साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए।
- राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई साहित्यिक पुरस्कार।
- विभिन्न भाषाई और सांस्कृतिक संस्थाओं से सम्मान।
सामाजिक योगदान
सुमित्रा महतो ने शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के लिए भी काम किया। उन्होंने कई कार्यशालाओं और संगोष्ठियों का आयोजन कर युवाओं को मातृभाषा में लेखन के लिए प्रेरित किया।
विरासत
उनकी कविताएं आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा हैं। उन्होंने यह साबित किया कि अपनी मातृभाषा में भी महान साहित्य रचा जा सकता है।
FAQ
1. पद्मश्री सुमित्रा महतो कौन हैं?
वे मुंडारी भाषा की प्रसिद्ध कवयित्री और साहित्यकार हैं।
2. उनकी प्रमुख रचनाएं कौन सी हैं?
जंगल की पुकार, धरती की आवाज़, मिट्टी की खुशबू।
3. उन्हें कौन-कौन से पुरस्कार मिले?
पद्मश्री पुरस्कार और कई राज्य स्तरीय सम्मान।
4. उनका प्रमुख योगदान क्या है?
मुंडारी भाषा के साहित्य को राष्ट्रीय पहचान दिलाना और संस्कृति का संरक्षण।
5. वे युवाओं के लिए प्रेरणा क्यों हैं?
उन्होंने मातृभाषा में लेखन कर साहित्य की शक्ति को प्रदर्शित किया।





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