बिहार का खानपान सिर्फ भूख मिटाने का ज़रिया नहीं, Bihar Traditional Food Cuisine बल्कि यहाँ की संस्कृति, परंपरा और लोकजीवन का स्वाद है। हर ज़िले, हर पर्व और हर मौसम के अनुसार यहाँ के व्यंजन बदलते हैं — और हर व्यंजन की अपनी कहानी होती है।
🥟 1. बिहार के लोकप्रिय पारंपरिक व्यंजन
🥟 लिट्टी-चोखा
- बिहार की पहचान!
- सत्तू से भरी हुई लिट्टी (बेसन की गोलियां), बैंगन, आलू और टमाटर के चोखे के साथ।
- अब देश-विदेश में लोकप्रिय स्ट्रीट फूड।
🍛 खिचड़ी (शनिवार की खास)
- चावल, दाल, सब्ज़ी, घी, पापड़ और चटनी के साथ।
- शनिवार या त्योहारों पर घर-घर में बनती है।
- इसे “सात व्यंजन” के रूप में परोसा जाता है।
🥬 सत्तू पराठा / सत्तू का शरबत
- ठंडा करने वाला सुपरफूड।
- गर्मी में ग्रामीण बिहार की जान।
- सत्तू से बना पराठा, प्याज़, अचार के साथ।
🥘 चिवड़ा-दही / दही-चूड़ा
- मकर संक्रांति का मुख्य भोजन।
- पोहा, तिलकुट, गुड़, और दही का स्वादिष्ट मेल।
🍬 ठेकुआ
- छठ पूजा का विशेष प्रसाद।
- गेहूं के आटे, नारियल, गुड़ और घी से बना मिठा पकवान।
🍨 कढ़ी-भात
- बेसन की कढ़ी, राई, हरी मिर्च के तड़के के साथ चावल।
- त्योहारों और खास दिनों में खाया जाता है।
🫓 घेघरा / पूरकिया
- होली और तीज पर बनने वाली मीठी पकवान।
- मैदा, सूजी और नारियल से बना।
🍢 2. तीज-त्योहारों से जुड़े पकवान
त्यौहार | पकवान |
---|---|
छठ पूजा | ठेकुआ, कसार, खजूर |
मकर संक्रांति | चूड़ा-दही, तिलकुट, लाई |
होली | दही-बड़ा, मालपुआ, घुझिया |
तीज | पूरकिया, घेघरा |
करवा चौथ | मठरी, गुड़ की मिठाइयाँ |
🍭 3. बिहार की मिठाइयाँ – मीठे का घर

- बालूशाही (गाढ़ा शक्कर सिरप में डूबी)
- अनरसा (चावल और तिल से बनी)
- खाजा (बक्सर और सासाराम खास)
- लाल पेड़ा (मथुरा वाला नहीं, बलिया-छपरा का!)
- मालपुआ (होली पर विशेष)
🍽️ 4. बिहार का स्ट्रीट फूड
- चाट-पकौड़ी (पटना की ख़ास)
- घुघनी (मटर की मसालेदार सब्ज़ी, ब्रेड या चूड़ा के साथ)
- दालपुरी-तरकारी (हाट-बाज़ारों में लोकप्रिय)
- बेसन की सब्जी (कढ़ी स्टाइल में)
🧑🍳 5. देसी स्टाइल खाना – गांव की थाली
बिहारी थाली में मिल सकता है:
- भात (चावल)
- दाल / पंचमेल दाल
- आलू-बैंगन की सब्जी
- टमाटर-धनिया की चटनी
- अचार, पापड़, सत्तू की गोली
- मक्का या बाजरे की रोटी (सर्दियों में)
🥄 6. खानपान और सेहत – सादगी में पोषण
- सत्तू: प्रोटीन से भरपूर
- चूड़ा-दही: प्रोबायोटिक और एनर्जी देने वाला
- गुड़-तिल: आयरन और कैल्शियम का स्रोत
- घी: देसी ऊर्जा स्रोत
- हरी सब्ज़ियाँ: हर थाली में ज़रूरी
🌍 7. बिहारी व्यंजन विदेशों में
- लिट्टी-चोखा अब अमेरिका, दुबई और लंदन तक पहुँच चुका है।
- भोजपुरी समुदाय मॉरीशस, फिजी, सूरीनाम आदि में पारंपरिक खाना जीवित रखे हुए है।
🎯 निष्कर्ष
बिहार का खानपान केवल पेट नहीं, आत्मा को तृप्त करता है। Bihar Traditional Food Cuisine यहाँ का हर व्यंजन मौसम, पर्व, और संस्कृति से जुड़ा हुआ है।
“बिहार की रसोई – स्वाद, संस्कार और सेहत का संगम है।”
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