झारखंड, भारत का एक समृद्ध प्राकृतिक राज्य है, Jonha and Dassam Falls जहां हरियाली, पहाड़, जलप्रपात और जनजातीय संस्कृति का अनूठा संगम देखने को मिलता है। यह राज्य न केवल खनिज संपदा में धनी है, बल्कि अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध है। Jonha and Dassam Falls झारखंड के जलप्रपात पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र हैं। इनमें जोन्हा फॉल्स और दशम फॉल्स दो ऐसे जलप्रपात हैं जो प्रकृति प्रेमियों, फोटोग्राफरों, रोमांचकारियों और शांति की तलाश में लगे यात्रियों के लिए स्वर्ग समान हैं।
🔷 जोन्हा फॉल्स: “गौतमनगर” का सौंदर्य
📍 भौगोलिक स्थिति
जोन्हा फॉल्स, रांची जिले के गौतमनगर गांव में स्थित है। यह रांची शहर से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर है और रांची-पुरुलिया मार्ग पर पड़ता है। इसे गौतमधारा के नाम से भी जाना जाता है।
🌿 प्राकृतिक संरचना
जोन्हा जलप्रपात की ऊँचाई लगभग 43 मीटर (141 फीट) है और यह रोड़ो नदी पर स्थित है, जो स्वर्णरेखा नदी की सहायक है। यह जलप्रपात एक गिरते हुए झरने की तरह है जिसमें पानी ऊँचाई से सीधे नीचे गिरता है और इस प्रक्रिया में एक प्राकृतिक स्विमिंग पूल बनता है।
🛕 धार्मिक महत्त्व
जोन्हा फॉल्स के पास एक प्राचीन बौद्ध मठ (Buddhist monastery) और एक गौतम बुद्ध मंदिर है। यही कारण है कि इसे गौतमधारा भी कहा जाता है। यहां हर रविवार और बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर विशेष पूजा और पर्यटकों की भीड़ देखी जाती है।
🚌 कैसे पहुँचे
- रेल मार्ग: निकटतम रेलवे स्टेशन है “Jonha Railway Station” जो जलप्रपात से केवल 2 किलोमीटर दूर है।
- सड़क मार्ग: रांची से टैक्सी, ऑटो या बस के माध्यम से सीधे यहां पहुंचा जा सकता है।
- पैदल मार्ग: पर्यटकों को फॉल्स तक पहुंचने के लिए लगभग 722 सीढ़ियाँ उतरनी पड़ती हैं।

🧺 गतिविधियाँ
- पिकनिक स्पॉट के रूप में आदर्श
- स्वच्छ झीलों में स्नान
- ट्रैकिंग और हाइकिंग
- फोटोग्राफी और वीडियो शूटिंग
📸 फोटोजेनिक अनुभव
घने जंगल, चट्टानों से गिरता पानी, चिरपिंग बर्ड्स और धुंध का रोमांचक वातावरण – यह सब इसे इंस्टाग्राम या यूट्यूब पर एक परफेक्ट डेस्टिनेशन बनाता है।
🔷 दशम फॉल्स: दस धाराओं की अद्भुत धारा
📍 भौगोलिक स्थिति
दशम फॉल्स, झारखंड के खूंटी जिले में स्थित एक प्रसिद्ध जलप्रपात है। यह रांची शहर से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर है और NH-33 मार्ग पर आता है।
🌊 संरचना और सौंदर्य
दशम फॉल्स की विशेषता यह है कि यह कैंची नदी पर स्थित है, जो स्वर्णरेखा की सहायक नदी है। फॉल्स की ऊँचाई लगभग 44 मीटर (144 फीट) है। दशम का मतलब है – ‘दस धाराएँ’, और यह नाम इसलिए पड़ा क्योंकि ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे दस धाराएँ एक साथ गिर रही हों।
🌴 पारिस्थितिकी और वातावरण
यह जलप्रपात घने जंगलों से घिरा हुआ है, जहां साल, सागौन, पलाश और बांस के पेड़ प्राकृतिक छाया देते हैं। वर्षा ऋतु के दौरान यह स्थल एक जीवंत स्वर्ग बन जाता है।
📍 पहुंच मार्ग
- निकटतम रेलवे स्टेशन: रांची जंक्शन (40 किमी)
- एयरपोर्ट: बिरसा मुंडा हवाई अड्डा (42 किमी)
- सड़क मार्ग: टैक्सी, बस या बाइक के माध्यम से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
🎒 गतिविधियाँ
- बर्ड वॉचिंग
- ट्रेकिंग और जंगल सफारी
- प्रकृति अवलोकन
- फोटोग्राफी
🚫 सतर्कता
हालांकि दशम फॉल्स बहुत सुंदर है, मगर इसमें तैराकी करना खतरनाक हो सकता है। प्रशासन ने कई स्थानों पर चेतावनी बोर्ड लगाए हैं।
🔶 जोन्हा और दशम फॉल्स: तुलना
विशेषता | जोन्हा फॉल्स | दशम फॉल्स |
---|---|---|
नदी | रोडो नदी | कैंची नदी |
ऊँचाई | 43 मीटर | 44 मीटर |
धार्मिक महत्त्व | गौतम बुद्ध मंदिर | कोई नहीं |
पर्यटन सुविधाएँ | मंदिर, पिकनिक स्पॉट | रेस्ट एरिया, फोटोग्राफी |
निकटतम शहर | रांची | रांची |
गतिविधियाँ | स्नान, ट्रैकिंग | ट्रेकिंग, फोटोग्राफी |
🔷 पर्यटन को बढ़ावा
झारखंड सरकार द्वारा इन जलप्रपातों के पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रयास किए गए हैं:
- इको-टूरिज्म योजना
- सड़क और परिवहन सुविधाओं में सुधार
- ऑनलाइन पर्यटन पोर्टल पर प्रचार
- स्थानीय गाइड और सुरक्षा बलों की तैनाती
🔶 स्थानीय संस्कृति से जुड़ाव
इन जलप्रपातों के आसपास रहने वाली जनजातियाँ – मुंडा, संथाल, उरांव – अपनी पारंपरिक लोककथाओं, नृत्यों और भोजन से पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। यहां आकर आप सिर्फ प्राकृतिक सौंदर्य का ही नहीं, बल्कि झारखंड की जीवंत संस्कृति का भी अनुभव कर सकते हैं।
🔷 पर्यावरणीय संरक्षण
हालांकि पर्यटन का बढ़ावा जरूरी है, लेकिन इसके साथ ही इन जलप्रपातों के पर्यावरण को बचाए रखना भी आवश्यक है। कुछ सुझाव:
- प्लास्टिक के उपयोग से बचें
- कचरा न फैलाएं
- प्राकृतिक स्रोतों को छेड़छाड़ से बचाएँ
- स्थानीय गाइड का अनुसरण करें
🔶 निष्कर्ष
जोन्हा और दशम फॉल्स न केवल झारखंड की प्राकृतिक धरोहर हैं, Jonha and Dassam Falls बल्कि ये राज्य की सांस्कृतिक, पारिस्थितिकीय और पर्यटन की आत्मा भी हैं। यहां की शांति, हरियाली, गिरते झरनों की गूंज, और आसपास की जनजातीय संस्कृति – सब मिलकर एक ऐसा अनुभव देती है जो किसी भी यात्री की स्मृति में अमिट रह जाता है।
यदि आप एक ऐसी जगह की तलाश में हैं जहां प्रकृति की गोद में कुछ समय बिता सकें, अपने भीतर की ऊर्जा को फिर से जाग्रत कर सकें – तो झारखंड के ये जलप्रपात आपके लिए आदर्श गंतव्य हो सकते हैं।
✍️ लेखक: vsasingh.com टीम
📅 प्रकाशित तिथि: 28 अगस्त 2025
🌐 स्रोत: www.vsasingh.com
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