Kuchipudi : कुचिपुड़ी आंध्र प्रदेश की शास्त्रीय नृत्य नाटिका

कुचिपुड़ी आंध्र प्रदेश की प्रमुख शास्त्रीय नृत्य शैली है जो नृत्य और नाटक का अनूठा संगम प्रस्तुत करती है। इसकी उत्पत्ति कृष्णा जिले के Kuchipudi गाँव में 17वीं शताब्दी में हुई थी। यह नृत्य शैली अपने जीवंत अभिनय, सुंदर मुद्राओं और तेजस्वी पद संचालन के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है। कुचिपुड़ी मूल रूप से भागवत मेलों के रूप में प्रस्तुत की जाती थी, जिसमें पुरुष ही स्त्री पात्रों की भूमिका निभाते थे।

2. ऐतिहासिक विकास

2.1 उत्पत्ति और विकास

  • 3री शताब्दी ईसा पूर्व में नाट्य शास्त्र के प्रभाव
  • 15वीं शताब्दी में सिद्धेंद्र योगी द्वारा विकास
  • 17वीं शताब्दी में तानाजी ने इसकी स्थापना की
  • ब्राह्मण समुदाय द्वारा संरक्षण (भागवतुलु)

2.2 आधुनिक काल में परिवर्तन

  • 20वीं शताब्दी में गुरु वेदांतम लक्ष्मीनारायण का योगदान
  • स्त्रियों का प्रवेश और सोलो प्रदर्शन की शुरुआत
  • डॉ. वेम्पति चिन्ना सत्यम का पुनरुत्थान में योगदान

3. तकनीकी पहलू

3.1 मूलभूत स्थितियाँ

  • अरामंडी: अर्ध-बैठक स्थिति
  • प्रेरणा: तीन प्रकार की मुद्राएँ

3.2 हस्त मुद्राएँ

  • 24 मूल हस्त मुद्राएँ (असमयुक्त हस्त)
  • 13 संयुक्त हस्त मुद्राएँ

3.3 पद संचालन

  • मंडी (कूदने की क्रिया)
  • चारिस (पैरों की गति)

4. प्रमुख प्रदर्शन घटक

4.1 पूर्वरंगम्

  • देवताओं का आह्वान
  • जटिस्वरम् (शुद्ध नृत्य)

4.2 शब्दम्

  • भक्ति गीतों पर अभिनय
  • सरल कथा प्रस्तुति

4.3 तरंगम्

  • पीतल के थाल पर नृत्य
  • संतुलन और कौशल का प्रदर्शन

4.4 तिल्लाना

  • तेज गति का नृत्य
  • जटिल तालमापन

5. वेशभूषा और आभूषण

5.1 पारंपरिक पोशाक

  • स्त्रियों के लिए साड़ी (विशेष बंधन)
  • पुरुषों के लिए धोती और अंगवस्त्र

5.2 आभूषण

  • वेनी (बालों की सज्जा)
  • चूड़ामणि (सिर का आभूषण)
  • कमरबंध (विशेष डिजाइन)

5.3 मेकअप

  • आँखों पर गहरी रेखाएँ
  • बिंदी और चूड़ामणि

6. संगीत और वाद्य

6.1 संगीत शैली

  • कर्नाटक संगीत पर आधारित
  • तेलुगु और संस्कृत भजन

6.2 वाद्य यंत्र

  • मृदंगम्
  • वीणा
  • नागस्वरम्

7. प्रसिद्ध गुरु और कलाकार

7.1 प्रमुख गुरु

  • वेदांतम लक्ष्मीनारायण
  • वेम्पति चिन्ना सत्यम
  • राजा-राधा रेड्डी

7.2 समकालीन कलाकार

  • यामिनी कृष्णमूर्ति
  • शोभा नायडू
  • अनिता रत्नम

8. आधुनिक समय में कुचिपुड़ी

8.1 वैश्विक प्रसार

  • अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर प्रदर्शन
  • विदेशी छात्रों में लोकप्रियता

8.2 नवीन प्रयोग

  • समकालीन विषयों पर प्रस्तुति
  • फ्यूजन प्रयोग

9. निष्कर्ष

कुचिपुड़ी नृत्य आंध्र प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। यह नृत्य शैली अपने में धर्म, कला और नाटक का अनूठा संगम प्रस्तुत करती है।

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One response to “Kuchipudi : कुचिपुड़ी आंध्र प्रदेश की शास्त्रीय नृत्य नाटिका”

  1. […] Manipuri Dance की पवित्र घाटियों में हुई। यह नृत्य शैली अपनी कोमल, प्रवाहमय गतियों और Manipuri […]