Makar Sankranti: भारत का महत्वपूर्ण फसल एवं खगोलीय पर्व

मकर संक्रांति भारतीय संस्कृति का एक अत्यंत महत्वपूर्ण त्योहार है Makar Sankranti जो प्रतिवर्ष 14 या 15 जनवरी को मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के अवसर पर मनाया जाता है और इसे भारत के विभिन्न भागों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। इस अध्याय में हम मकर संक्रांति के बारे में मूलभूत जानकारी प्राप्त करेंगे।

1. खगोलीय महत्व

मकर संक्रांति का खगोलीय दृष्टिकोण से विशेष महत्व है:

  • सूर्य की उत्तरायण गति
  • पृथ्वी की स्थिति में परिवर्तन
  • दिन-रात का अनुपात
  • ऋतु परिवर्तन का विज्ञान
  • पारंपरिक भारतीय कैलेंडर में स्थान

2. ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

मकर संक्रांति का इतिहास अत्यंत समृद्ध है:

  • वैदिक काल में उल्लेख
  • महाभारत कालीन संदर्भ
  • मध्यकालीन भारत में महत्व
  • ब्रिटिश काल में परंपराएँ
  • स्वतंत्रता के बाद विकास

3. धार्मिक महत्व

हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का विशेष स्थान:

  • पौराणिक कथाएँ (5 विस्तृत कथाएँ)
  • वैदिक संदर्भ
  • पुराणों में उल्लेख
  • विभिन्न देवी-देवताओं से संबंध
  • तीर्थ स्थानों का महत्व

4. भौगोलिक विविधता

भारत के विभिन्न राज्यों में मनाने के तरीके:

4.1 उत्तर भारत

  • पंजाब: लोहड़ी उत्सव
  • हरियाणा: संक्रांत परंपराएँ
  • उत्तर प्रदेश: खिचड़ी महोत्सव
  • बिहार: दान-पुण्य की परंपरा

4.2 पश्चिम भारत

  • गुजरात: उत्तरायण और पतंग महोत्सव
  • राजस्थान: संक्रांत भोज
  • महाराष्ट्र: तिल-गुड़ के व्यंजन

4.3 दक्षिण भारत

  • तमिलनाडु: पोंगल उत्सव
  • केरल: मकर विलक्कू
  • कर्नाटक: मकर संक्रमण
  • आंध्र प्रदेश: भोगी पंडुगा

4.4 पूर्वी भारत

  • पश्चिम बंगाल: पौष संक्रांति
  • ओडिशा: मकर चौला
  • असम: भोगाली बिहू
  • झारखंड: संक्रांत पर्व

5. सांस्कृतिक पहलू

मकर संक्रांति का सांस्कृतिक महत्व:

  • लोक कलाएँ और नृत्य
  • पारंपरिक वस्त्र
  • सामुदायिक एकता
  • पारिवारिक मेल-मिलाप
  • कला और शिल्प का प्रदर्शन

6. पारंपरिक व्यंजन

मकर संक्रांति पर विशेष भोजन:

  • तिल और गुड़ के व्यंजन
  • क्षेत्रीय विशिष्टताएँ
  • पकवान बनाने की विधियाँ
  • आहार का पौष्टिक महत्व
  • व्रत और भोजन संबंधी नियम

7. सामाजिक प्रभाव

समाज पर मकर संक्रांति का प्रभाव:

  • कृषि संबंधी महत्व
  • आर्थिक गतिविधियाँ
  • सामुदायिक सहयोग
  • पर्यावरण संरक्षण
  • शिक्षा में योगदान

8. आधुनिक समय में प्रासंगिकता

वर्तमान युग में मकर संक्रांति:

  • तकनीकी प्रभाव
  • शहरीकरण का प्रभाव
  • वैश्विक स्वीकार्यता
  • मीडिया की भूमिका
  • भविष्य की संभावनाएँ

9. निष्कर्ष

मकर संक्रांति भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न अंग है जो हमें प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर जीने की प्रेरणा देता है। यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

Image

keywords

Makar Sankranti 2025 date, Makar Sankranti kab hai, Why is Makar Sankranti celebrated? , Makar Sankranti festival in India, Makar Sankranti significance, Pongal 2025, Lohri wishes messages, Uttarayan festival Gujarat, Magh Bihu Assam, Khichdi Diwas, Sesame-jaggery recipe, Kite flying quotes/images, Makar Sankranti holy dip time” Donation items on Sankranti”, Makar Sankranti essay in Hindi, Makar Sankranti WhatsApp status video,

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

3 responses to “Makar Sankranti: भारत का महत्वपूर्ण फसल एवं खगोलीय पर्व”

  1. […] उत्पत्ति तमिलनाडु के Bharatanatyam mudras with images मंदिरों में हुई। यह नृत्य कला न केवल शारीरिक […]

  2. […] 1. फेसबुक/इंस्टाग्राम पर फॉलोअर्स ट्रांसफर के तरीके […]

  3. […] विष्णु की स्त्री अवतार) का नृत्य”। यह नृत्य अपनी प्रवाहमय लयबद्ध गतियों, कोमल […]