Sattriya : असम की सत्त्रिया नृत्य शास्त्रीय नृत्य परंपरा

Sattriya नृत्य भारत के आठ शास्त्रीय नृत्य रूपों Sattriya Dance History में सबसे युवा माना जाता है, जिसे 15वीं शताब्दी में असम के महान संत-सुधारक श्रीमंत शंकरदेव द्वारा विकसित किया गया। Sattriya Dance Steps & Mudras यह नृत्य शैली मूल रूप से असम के वैष्णव मठों (सत्र) Sattriya vs Bharatanatyam/Kathak में विकसित हुई और भगवान कृष्ण की भक्ति से गहराई से जुड़ी हुई है। 2000 में संगीत नाटक Sattriya Dance Costumes अकादमी द्वारा इसे शास्त्रीय नृत्य का दर्जा प्राप्त हुआ।

2. ऐतिहासिक विकास

2.1 उत्पत्ति और विकास (15वीं शताब्दी)

  • शंकरदेव द्वारा अंकिया नाट के रूप में स्थापना
  • सत्र मठों में नृत्य का धार्मिक महत्व
  • भक्ति आंदोलन का प्रभाव

2.2 मध्यकालीन अवधि (16वीं-19वीं शताब्दी)

  • अहोम राजाओं का संरक्षण
  • सत्र संस्थाओं का विस्तार
  • गुरु-शिष्य परंपरा का विकास

2.3 आधुनिक काल (20वीं-21वीं शताब्दी)

  • राष्ट्रीय मंच पर पहचान
  • गुरु जतिन गोस्वामी का योगदान
  • शास्त्रीय नृत्य का दर्जा प्राप्ति (2000)

3. तकनीकी पहलू

3.1 मूलभूत स्थितियाँ

  • पुरुष पद: पुरुष नर्तकों के लिए
  • स्त्री लास्य: महिला नर्तकियों के लिए

3.2 हस्त मुद्राएँ

  • 28 मूल हस्त मुद्राएँ
  • नवरस की अभिव्यक्ति

3.3 पद संचालन

  • मान: विभिन्न चालें
  • पाल्टा: तालमापन

4. प्रमुख प्रदर्शन शैलियाँ Sattriya Dance Festivals & Events

4.1 अंकिया नाट

  • पौराणिक कथाओं पर आधारित
  • पुरुष प्रधान प्रस्तुति

4.2 बोर्गीत

  • शुद्ध नृत्य खंड
  • ताल और लय पर आधारित

4.3 जुमुरा

  • समूह नृत्य
  • भक्ति गीतों पर प्रस्तुति

5. वेशभूषा और आभूषण Dance Performances

5.1 पारंपरिक पोशाक

  • धोती और चादर: पुरुष वेशभूषा
  • मेखला चादर: महिला वेशभूषा

5.2 आभूषण

  • गमखरू: घुंघरू
  • मुकुट: सिर का आभूषण

5.3 मेकअप

  • सूक्ष्म और प्राकृतिक
  • विशेष अभिनय के लिए विशिष्ट श्रृंगार

6. संगीत और वाद्य यंत्र Sattriya Dance Music & Instruments

6.1 संगीत शैली

  • बोरगीत
  • अंकिया नाट संगीत

6.2 वाद्य यंत्र

  • खोल: मृदंग
  • ताल: झांझ
  • बाँसुरी: मधुर स्वर

7. प्रसिद्ध गुरु और कलाकार Sattriya Dance Training

7.1 प्रमुख गुरु

  • शंकरदेव
  • माधवदेव
  • जतिन गोस्वामी

7.2 समकालीन कलाकार

  • गणेश गोस्वामी
  • अन्वेषा गोस्वामी
  • प्रशांत गोस्वामी

8. आधुनिक समय में सत्त्रिया

8.1 वैश्विक प्रसार

  • अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर प्रदर्शन
  • विदेशी छात्रों में लोकप्रियता

8.2 नवीन प्रयोग

  • समकालीन विषयों पर प्रस्तुति
  • अन्य नृत्य शैलियों के साथ प्रयोग

9. निष्कर्ष

सत्त्रिया नृत्य असम की सांस्कृतिक Famous Sattriya Dancers धरोहर है जो अपनी धार्मिक गहराई और Sattriya Dance in UNESCO कलात्मक उत्कृष्टता के लिए विशेष पहचान रखती है। यह नृत्य शैली भक्ति और कला का अनूठा संगम प्रस्तुत करती है।

Sattriya Dance Costumes
Famous Sattriya Dancers

“भक्ति है प्राण, कला है आत्मा, सत्त्रिया है असम की धरोहर। शंकरदेव का यह अनुपम उपहार, भारतीय संस्कृति का गौरव।”

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