ओडिसी भारत के आठ शास्त्रीय नृत्यों में से एक है History of Odissi dance जिसकी उत्पत्ति उड़ीसा के मंदिरों में हुई। यह नृत्य शैली अपने द्रव्यमान Odissi dance mudras भंगिमाओं, त्रिभंग मुद्रा और मूर्तिशिल्प जैसी स्थितियों के Odissi dance costume लिए प्रसिद्ध है। Odissi नृत्य भक्ति और श्रृंगार Famous Odissi dancers रस का अनूठा संगम प्रस्तुत करता है, जिसमें मुख्य रूप से जगन्नाथ संस्कृति Difference between Odissi and Bharatanatyam और महारी नृत्य परंपरा का प्रभाव देखने को मिलता है।
2. ऐतिहासिक विकास Odissi dance UNESCO heritage
2.1 प्राचीन उत्पत्ति (2री शताब्दी ईसा पूर्व)
- भुवनेश्वर के उदयगिरि-खंडगिरि गुफाओं में नृत्य मुद्राएँ
- पुरी के जगन्नाथ मंदिर में देवदासी परंपरा (महारियों का नृत्य)
- शिलालेखों और साहित्य में उल्लेख (अभिनवगुप्त का नाट्यशास्त्र)
2.2 मध्यकालीन अवधि (12वीं-16वीं शताब्दी)
- गंगा वंश के शासकों द्वारा संरक्षण
- कोणार्क सूर्य मंदिर की नृत्य मूर्तियों का प्रभाव
- गीत गोविंद (जयदेव) का योगदान
2.3 आधुनिक पुनरुत्थान (20वीं शताब्दी)
- 1940-50 के दशक में गुरु केलुचरण महापात्र का योगदान
- संयुक्ता पाणिग्रही, सोनल मानसिंह जैसी नृत्यांगनाओं का प्रयास
- उड़ीसा नृत्य अकादमी की स्थापना (1972)
3. तकनीकी पहलू Odissi dance details
3.1 मूलभूत स्थितियाँ
- चौक: वर्गाकार मुद्रा
- त्रिभंग: तीन मोड़ वाली शारीरिक स्थिति
- अभंग: कोणरहित मुद्रा
3.2 हस्त मुद्राएँ
- 28 मूल हस्त मुद्राएँ (असमयुक्त और संयुक्त)
- मुद्राओं द्वारा कथा वाचन
3.3 पद संचालन
- चारि (पैरों की गति)
- भ्रमरी (चक्करदार गति)
4. प्रमुख प्रदर्शन घटक Odissi dance about
4.1 मंगलाचरण
- देवी-देवताओं का आह्वान
- भुवनेश्वरी प्रार्थना
4.2 बतु नृत्य
- शुद्ध नृत्य खंड
- ताल और लय पर आधारित
4.3 पल्लवी
- राग और भाव का संगम
- गीत गोविंद के पदों पर नृत्य
4.4 अभिनय
- अष्टनायिका (आठ नायिकाओं का भेद)
- जयदेव की रचनाओं पर प्रस्तुति
4.5 मोक्ष
- आध्यात्मिक मुक्ति का प्रतीक
- तेज गति के पद संचालन
5. वेशभूषा और आभूषण About odissi dance in hindi
5.1 पारंपरिक पोशाक
- सिल्क की साड़ी (बंधा या स्टाइल)
- कांची (कमरबंध)
5.2 आभूषण
- शीरसी (मुकुट)
- कर्णफूल (कान के झुमके)
- मेखला (कमर की चेन)
5.3 मेकअप
- आँखों पर काजल
- अलता (हाथ-पैरों पर लाल रंग)
6. संगीत और वाद्य How to learn Odissi dance
6.1 संगीत शैली
- ओडिसी संगीत (चंपू, चौपाई)
- जयदेव की अस्थापदी
6.2 वाद्य यंत्र
- मंजीरा
- पखावज
- बांसुरी
7. प्रसिद्ध गुरु और कलाकार Odissi dance performance videos
7.1 प्रमुख गुरु
- केलुचरण महापात्र
- गंगाधर प्रधान
- देबप्रसाद दास
7.2 समकालीन कलाकार
- सोनल मानसिंह
- मधुवी मुद्गल
- सुजाता मोहपात्रा
8. आधुनिक समय में ओडिसी dance training centers
8.1 वैश्विक प्रसार
- अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर प्रदर्शन
- विदेशी छात्रों में लोकप्रियता
8.2 नवीन प्रयोग
- समकालीन विषयों पर प्रस्तुति
- अन्य नृत्य शैलियों के साथ फ्यूजन
9. निष्कर्ष
ओडिसी नृत्य उड़ीसा की सांस्कृतिक Odissi songs धरोहर है जो मंदिरों की दीवारों से निकलकर वैश्विक मंच तक पहुँची है। यह नृत्य शैली अपने में धर्म, कला और दर्शन का समन्वय करती है।





“मूर्ति सी भंगिमा, भक्ति का भाव, ओडिसी है उड़ीसा का गौरव। जयदेव की वाणी, केलुचरण की थाप, यही तो है ओडिसी का स्वरूप।”
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