Sherwani का जन्म मुगलकालीन भारत में हुआ, जब फारसी “कुर्ता” और भारतीय “अंगरखा” के संयोग से यह नया डिज़ाइन अस्तित्व में आया। 18वीं शताब्दी में अवध के नवाबों ने इसे राजसी वस्त्र का दर्जा दिया।

1. नामकरण का रहस्य
“शेरवानी” शब्द की उत्पत्ति के दो सिद्धांत:
- फारसी “शीर-ए-वान” (दूधिया रंग) से
- उर्दू “शेर” (साहस) और “वानी” (वस्त्र) के संयोग से
2. शेरवानी की संरचना एवं प्रकार
2.1 मूलभूत संरचना
भाग | विशेषता |
---|---|
कॉलर | मंडेरियन/नेहरू स्टाइल |
बटन | जरी/मोती के 5-7 बटन |
लंबाई | घुटने तक (पारंपरिक) या कमर तक (आधुनिक) |
2.2 प्रमुख प्रकार
A. पारंपरिक शेरवानी
- मुगलई शेरवानी: भारी जरी वर्क
- राजस्थानी अंगरखी: बंद गले वाली
- हैदराबादी शेरवानी: चोगा स्टाइल
B. आधुनिक वेरिएंट
- इंडो-वेस्टर्न: स्लिम फिट
- जैकेटेड शेरवानी: ब्लेज़र जैसी डिज़ाइन
- प्री-स्टाइच्ड: रेडीमेड विकल्प
3. कपड़े और कढ़ाई की कला
3.1 कपड़ों का चयन
प्रकार | उपयोग | कीमत रेंज |
---|---|---|
बनारसी रेशम | शादियाँ | ₹25,000-₹2,00,000 |
जामदानी | औपचारिक | ₹15,000-₹75,000 |
लिनन-सूटिंग | कॉकटेल | ₹8,000-₹30,000 |
3.2 कढ़ाई की शैलियाँ
- चिकनकारी: लखनवी हस्तकला
- जाली काम: राजस्थानी जालीदार डिज़ाइन
- कंधारी: हैदराबादी मोतियों की कढ़ाई
4. शेरवानी का सांस्कृतिक महत्व
4.1 धार्मिक महत्व
4.2 राजनीतिक प्रतीक
- जवाहरलाल नेहरू का “नेहरू जैकेट” वास्तव में संशोधित शेरवानी थी
- भारतीय राजनयिकों की राष्ट्रीय पोशाक
5. शेरवानी पहनने की कला
5.1 परफेक्ट फिटिंग गाइड
- कंधे: सीम कंधे की हड्डी पर समाप्त हो
- बाजू: कलाई से 1 इंच ऊपर तक
- लंबाई: खड़े होने पर घुटने को ढके
5.2 स्टाइलिंग टिप्स
6. प्रसिद्ध ब्रांड्स और कीमत
ब्रांड | विशेषता | कीमत रेंज |
---|---|---|
रावतन | कस्टम सिलाई | ₹50,000+ |
मanyavar | बजट फ्रेंडली | ₹10,000-₹40,000 |
तरुण तहिलियानी | डिज़ाइनर | ₹75,000-₹5,00,000 |
7. सेलिब्रिटी स्टाइल स्टेटमेंट
- रणवीर सिंह: स्लिम फिट शेरवानी
- शाहरुख खान: स्वर्णिम जरी वर्क
- विराट कोहली: इंडो-वेस्टर्न फ्यूजन
8. शेरवानी का भविष्य
- सस्टेनेबल फैशन: ऑर्गेनिक सिल्क और रीसाइकल्ड जरी
- टेक-इंटीग्रेटेड: लाइट-अप LED शेरवानी
- जेंडर-फ्लुइड डिज़ाइन: महिलाओं के लिए शेरवानी
“शेरवानी सिर्फ वस्त्र नहीं, भारतीय पुरुषत्व की गाथा है जो सदियों से सुनाई दे रही है।”
#Sherwani #IndianFashion #WeddingAttire
क्या आप जानते हैं?
मुगल बादशाह अकबर के दरबार में “फरखियाँ“ नामक शेरवानी का एक प्रारंभिक रूप पहना जाता था, जिसमें 27 बटन होते थे!
अधिक जानकारी के लिए किसी विशेष पहलू पर चर्चा करें।
Leave a Reply